Wednesday, 27 May 2020

पंडित और ब्राह्मण मैं क्या अंतर हैं ?

ब्राह्मण क्या है ?

What is Brahman ?

ब्राह्मण शब्द की उतपत्ति ब्रह्म से हुई है जिसका अर्थ होता कि जो व्यक्ति ब्रह्म (ईश्वर) को छोड़ के किसी और को नहीं पूजता उसे ब्राह्मण नाम दिया गया है. कई लोग कथा सुनाने वाले को ब्राह्मण कहते हैं जबकि वो ब्राह्मण नहीं कथावाचक होता है. कुछ लोग पुरोहिताई करने वाले को ब्राह्मण कहते हैं वो ब्राह्मण नहीं याचक या पुरोहित होता है. कुछ लोग पंडित को ब्राह्मण समझते हैं जबकि वेदों का अच्छा ज्ञान रखने वाला पंडित होता है उसे हम ब्राह्मण नहीं कह सकते। जो ज्योतिषी या नक्षत्र विद्या को अपनी जीविका बना के चलते हैं कुछ लोग उन्हें भी ब्राह्मण समझ लेते हैं जबकि वो ज्योतिषी होते हैं. ब्राह्मण का अर्थ सीधा सा यह है की जो व्यक्ति ब्रह्म शब्द का उच्चारण करता है उसे ही हम सही मायने में ब्राह्मण मानते हैं.
अब जो पुरोहित होता है अर्थात जो कर्मकांड करवाता है वो पैसे लेकर करवाता है लेकिन वो ब्राह्मण नहीं है इसी प्रकार जो हस्त रेखा देखता है पैसे लेता है या कुंडली देखता है वो ज्योतिषी है लेकिन ब्राह्मण नहीं है

पंडित क्या है

What is Pandit?

जब कोई व्यक्ति किसी विशेष ज्ञान को प्राप्त कर उसमे पारंगत होता है तो उसे पांडित्य नाम से सम्भोधित किया जाता है. इसका पूर्णतः अर्थ होता है कि किसी विशेष ज्ञान में पूरी तरह से कुशल होना। इसमें एक शब्द का प्रयोग हुआ है पंडः जिसका अर्थ होता है विद्वता जिससे समझ आता है कि पंडित को विद्वान भी कहा जा सकता है. कुछ लोग इन्हे निपुण शब्द से भी पुकारते हैं.
किसी भी विशेष विद्या का ज्ञान रखने वाले को पंडित कहा जाता है. जैसे कंप्यूटर का जानकार को हम कंप्यूटर का पंडित भी कह सकते हैं उसी प्रकार किसी यन्त्र मैं जानकारी रखने वाले इंजिनियर को भी हम यन्त्र का पंडित कह सकते हैं.

पंडित और ब्राह्मण में क्या अंतर है ?

What is the main difference between Pandit & Brahmin

# जो व्यक्ति किसी विषय में ज्ञानी होता है अधिकतर शास्त्रों में उसे हम पंडित कहते हैं जबकि जो व्यक्ति ब्रह्म शब्द का उच्चारण कर ईश्वर की आराधना करता है उसे हम ब्राह्मण कहते हैं.
# जो लोग वेदों का अच्छा ज्ञान रखते हुए अपनी जीविका चलाते हैं उन्हें हम पंडित कहते हैं जबकि जो लोग ईश्वर में निस्वार्थ तरीके से अपना मन लगाते हैं उन्हें ब्राह्मण कहते हैं.
# पंडित शब्द की उत्पत्ति पंड से हुई है जिसका अर्थ विद्वता होता है अर्थात एक विद्वान पंडित होता है जबकि ब्राह्मण केवल एक आराध्य होता है ईश्वर का.

उम्मीद है दोस्तों कि आपको हमारे द्वारा दी गयी जानकारी पसंद आयी होगी और आपके काफी काम भी आयी होगी. यदि फिर भी कोई गलती आपको दिखे या आपके मन में कोई अन्य सवाल या सुझाव हो तो वो भी आप हमसे पूछ सकते हैं. हम पूरी कोशिश करेंगे उस सवाल का जबाब आपको देने और आपके सुझाव को समझने और उसे पूरा करने की. धन्यवाद !!!


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